एक बार सुनके जरूर देखियेगा....
चंदन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है,
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ।
हर शरीर मंदिर-सा पावन, हर मानव उपकारी है,
जहाँ सिंह बन गये खिलौने, गाय जहाँ माँ प्यारी है।
जहाँ सबेरा शंख बजाता, लोरी गाती शाम है;
जहाँ कर्म से भाग्य बदलते, श्रम निष्ठा कल्याणी है,
त्याग और तप की गाथायें, गाती कवि की वाणी है।
ज्ञान जहाँ का गंगाजल-सा, निर्मल है, अविराम है
जिसके सैनिक समर भूमि में, गाया करते गीता है,
जहाँ खेत में हल के नीचे खेला करतीं सीता हैं ।
जीवन का आदर्श यहाँ पर, परमेश्वर का धाम है ।
चंदन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है
रचनाकार - हरिमोहन विष्ट
भारत के सबसे बड़े ज्योतिषी से मिलिए
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जी हाँ। आइये आपको मिलवाते हैं हमारे देश क्या शायद पूरे विश्व के सबसे बड़े
ज्योतिषी से ॥ ना ना , चोंकिये मत, सबसे बड़ा इसलिए कहा क्यूँकी शायद ही कोई
दूसरे ऐ...
15 years ago
10 comments:
बहुत अच्छा गीत। बधाई
अच्छी रचना पढ़वाने के लिए धन्यवाद.
हिमांशु
wah wah wah..
wah wah wah..
Yeh geet hamare vidhyalay mein bhi gaya jaata tha. Ek aur thoda alag tarah se "Sanskriti Sabki ek Chirantan..." bhi tha jo isi trah ki dhun thee.
haan anonymous bandhu, vo geet bhi bahut pyara hai. koshish karunga use bhi yahan laane ki...
Real Indian Song
Mahan Bharat Ki Mahan kavita
बहुत सुंदर ....
दिल को छुने वाली कविता।
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