Friday, December 5, 2008

पसंद 31 (चंदन है इस देश की माटी)

एक बार सुनके जरूर देखियेगा....









चंदन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है,
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है

हर शरीर मंदिर-सा पावन, हर मानव उपकारी है,
जहाँ सिंह बन गये खिलौने, गाय जहाँ माँ प्यारी है।

जहाँ सबेरा शंख बजाता, लोरी गाती शाम है;
जहाँ कर्म से भाग्य बदलते, श्रम निष्ठा कल्याणी है,
त्याग और तप की गाथायें, गाती कवि की वाणी है।
ज्ञान जहाँ का गंगाजल-सा, निर्मल है, अविराम है
जिसके सैनिक समर भूमि में, गाया करते गीता है,
जहाँ खेत में हल के नीचे खेला करतीं सीता हैं
जीवन का आदर्श यहाँ पर, परमेश्वर का धाम है

चंदन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है

रचनाकार - हरिमोहन विष्ट

10 comments:

bijnior district said...

बहुत अच्छा गीत। बधाई

Himanshu Pandey said...

अच्छी रचना पढ़वाने के लिए धन्यवाद.

हिमांशु

Anonymous said...

wah wah wah..

Anonymous said...

wah wah wah..

Anonymous said...

Yeh geet hamare vidhyalay mein bhi gaya jaata tha. Ek aur thoda alag tarah se "Sanskriti Sabki ek Chirantan..." bhi tha jo isi trah ki dhun thee.

Akhil said...

haan anonymous bandhu, vo geet bhi bahut pyara hai. koshish karunga use bhi yahan laane ki...

gopal said...

Real Indian Song

gopal said...

Mahan Bharat Ki Mahan kavita

krishna kant shukla said...

बहुत सुंदर ....

Unknown said...

दिल को छुने वाली कविता।