Tuesday, September 28, 2010

पसंद 37 (शक्ति का इतना प्रदर्शन)

शक्ति का इतना प्रदर्शन,
प्रश्न करती हैं दिशाएं
चेतना को क्रत्तिम साँसे
और कब तक दे हवाएं
देवताओं के अहम् का
अंश जाया आदमी है
और कब त़क युद्ध की
लिखता रहेगा भूमिकाएं ||

लेखक - अज्ञात (किसी कवि सम्मलेन में सुनी थी बचपन में)